Thursday 21 December 2017

यहापर की जाती है जहरीले सांपो की खेती देखकर आपके होश उड़ जाएंगे

दोस्तों चाइना में एक ऐसा गाव है जहापर जहरीले सांपो की खेती की जाती है. जह्पर हजारो सांप पाले जाते है और उसके बाद उन्हें बेचा जाता है. चाइना में संपो को खाने के लिए और दवाईया बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. निचे दिए गए विडियो में आप उन सांपो के बारे में जानकारी अवश्य प्राप्त करे, की किस तरह वे लोग संपो को पालते है, और संपो की ऐसी अजीब सी खेती की शुरुवात आखिर किसने की और क्यों? इसके पीछे भी कुछ कहानिया छुपी हुयी है
निचे दिए गए विडियो में देखे




Thursday 3 August 2017

अगर जीवन में सफल होना है तो इन ६ गुणों का कतई त्याग ना करे - विदुर निति



विदुर जिनको अर्थ कुशल, बुद्धिमान अथवा मनीषी मन जाता है वे हिन्दू ग्रन्थ महाभारत के केन्द्रिय पात्रों में से एक हैं। वो हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री, कौरवो और पांडवो के काका और धृतराष्ट्र एवं पाण्डु के भाई थे। उनका जन्म एक दासी के गर्भ से हुआ था। विदुर को धर्मराज का अवतार भी माना जाता है। महात्मा विदुर जी ने अपनी नीतियों में बहोत सी महत्वपूर्ण बाते बताई है,
आज मैं आप को महात्मा विदुर जी ने बताये हुए ६ गुन्नो के बारे में बताने जा रहा हु जिनका त्याग नहीं करना चाहिए
षडेव तु गुणाः पुंसा न हातव्याः कदाचन। सत्यं दानमनालस्यमनसूया क्षमा धृतिः ॥
आईये एक एक के बारे में जानते है
१.       सच्चाई: महात्मा विदुर कहते है सत्य का कभी भी त्याग नहीं करना चहिये, जीवन में हमेशा सच का ही साथ देना चाहिए, क्यूँ की अंत में जित हमेशा सत्य की ही होती है, असत्य बोलने वाला मनुष्य थोड़े समय के लिए संतुष्ट जरुर होता है लेकिन अंत में उसे निराशा ही मिलती है, इसलिए हमेशा ध्यान रखे सत्य का त्याग कतई ना करे.
२.      दानशीलता: महात्मा विदुर कहते है दान एक पुन्य है और दान करने से मनुष्य की समाज में शोभा बढती है. दान करने वाले मनुष्य को सर्वत्र पूजा जाता है अतः उसका मान सम्मान भी किया जाता है. हमेशा अपनी शक्ति के अनुसार दान करते रहना चाहिए, दान करने पर मनुष्य मन हमेशा प्रसन्न रहता है और ऐसे लोगो को स्वर्ग की प्राप्ति होती है
३.      निरालस्य: महात्मा विदुर जी कहते है आलसी व्यक्ति जीवन में कभी सफल नहीं होता, जो स्वयं कष्ट ना कर हमेशा किस्मत से कुछ मिल जाए ऐसी आशा रखकर स्वस्थ बैठ जाता है वो जीवन में कभी सफल नहीं होता. मनुष्य हमेशा आलस्य का द्याग कर म्हणत करनी चाहिए. म्हणत करने वाले मनुष्य को एक न एक दिन अवश्य सफलता प्राप्त होती है
४.      द्वेषहीनता : महात्मा विदुर कहते है द्वेष करने वाला मानुष कभी सुखी नहीं रहता, वह अपना समय हमेशा दुसरो की बुराईया निकलने में गवाता है और हमेशा ही दुसरो का द्वेष करता है, अतः मनुष्य के द्वेषहिन् रहना चाहिए, द्वेष करने वाले मनुष्य के साथ कोई भी रहना पसंद नहीं करता और ऐसे लोगो का कोई सम्मान नहीं करता
५.      क्षमाशीलता : क्षमा करना ज्ञानी लोगो का गुण है, जो सच्चे ज्ञानी होते जो ताप्स्वी होते है वो अहंकार के अधीन होकर किसी के ऊपर क्रोध नहीं करते. वो हमेशा ही लोगो को क्षमा कर उनको अपना लेते है. अगर कोई भूल से कुछ दुष्कृत्य करलेता है और बाद में पछताता है तो उसे क्षमा करना चाहिए ना की क्रोध में आकर उसे दंड देना चाहिए.
६.      धैर्य : महात्मा विदुर जी कहते है, धैर्यवान मनुष्य किसी भी संकट की घडी में अपना धैर्य नहीं छोड़ता, वो भीषण आपत्ति का सामना भी धैर्य से करता है और अंत में उसपर विजय प्राप्त करलेता है. जो लोग धैर्यवान नहीं होते वो जीवन में कभी सफल नहीं होते, एक बार किसी काम असफल होने के बाद वह पुनः उस काम हात में लेने का सहस नहीं रखते और विचलित होकर असफलता का भोग बनजाते है. अतः किसी भी मनुष्य को संकट की घडी में धैर्य का त्याग नहीं करना चहिये

Friday 30 June 2017

प्राचीन भारत में ही बना था पहला विमान (Aeroplane), देखकर वैज्ञानिको के भी पसीने छुट गए


प्राचीन भारतीय संस्कृति कितनी विकसित थी, इसके बारे में अभी बताना बहोत मुश्किल है, लेकिन जैसे जैसे नयी नयी खोज हो रही है उससे तो यही सामने आरहा है की भारत में एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुवा था.
वैसे आधुनिक विज्ञानं की माने तो, उनके अनुसार विमान का निर्माण राईट बंधू नामक दो वैज्ञानिको ने किया था.
लेकिन अगर हम हिन्दू धर्म के प्राचीन ग्रंथो पर नजर डाले तो, उनमे अधिक उन्नत विमान प्रणाली का उल्लेख मिलता है.
आपने पुष्पक विमान के बारे में तो सुना ही होगा, कहा जाता है की ये विमान रावन के पास था. और रावण इसका इस्तेमाल युद्ध में करता था. उसके बाद विमानों का उल्लेख महर्षि भारद्वाज की वैमानिक शास्त्र किताब में मिलता है. कहा जाता ही की महर्षि भारद्वाज ने विमानों के प्रकार का और अन्य युद्ध में इस्तेमाल किये जाने वाले अस्त्रों का वर्णन अपनी किताब में किया है.
हाल ही में श्रीलंका में एक खोज हुयी है और श्रीलंका की रामायण अनुसंधान कमिटी ने रावण का विमानतल खोल निकला है, दिखने में ये एअरपोर्ट आध्नुकिन एअरपोर्ट की तरह ही सीखते है. रामायण अनुसंशान कमिटी के चीफ अशोक केंद के अनुसार श्रीलंका में स्थित उसानगौड़ा रावण का निजी हवाई अड्डा था. ऐसे अनेक हवाई अड्डे भी मिले है. इससे ये सावित होता है रामायण में वर्णित लंका श्री लंका ही है.
महर्षि भारद्वाज ने जिन विमानों का वर्णन किया है असल में वो विमान "पारे" की उर्जा पर चलने वाले थे. और आज NASA नामक अमेरिकी संस्था इसी पारे का इस्तेमाल कर नए विमान बना रही है.
अगर आपको इस विषय में अधिक जानकारी चाहिए तो निचे दिए गए विडियो को जरुर देखे आप गर्व महसूस करोगे

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Monday 26 June 2017

इन ३ से जो मित्रता करता है वह शीघ्र नष्ट हो जाता है. Chanakya Niti



आचार्य चाणक्य जी ने अपने नीतियों में ऐसे ३ लोगो के बारे में बताया है, जिनसे मित्रता करने पर आप का विनाश हो सकता है. ऐसे व्यक्तियों के साथ रहोगे तो जीवन में कभी सफल नहीं रह्पाओगे हमेशा और दुःख झेलने पड़ेंगे, इसकी वजह से आपकी चारो तरफ बदनामी भी हो सकती है. अतः ऐसे व्यक्तियों से कभी मित्रता नहीं करनी चाहिए, आईये जानते है कोंसे है वह चार लोग,
१.      दुराचारी : चाणक्य के अनुसार जो दुराचारी है, जो समाज में प्रतिष्ठा से नहीं रहता हमेश बुरे आचरण करता है. जो हमेशा दुष्कर्म में लगा रहता है, और दूसरी स्त्रियों से अनैतिक संबंध बनता है ऐसे व्यक्ति के साथ रहोगे तो आपको भी बदनामी का सामना करना पड़ेगा. अतः चाणक्य के अनुसार किसी भी दुराचारी से मित्रता नहीं करनी चाहिए, इससे आपको जीवन भर हानि ही सहनी पड़ेगी
२.      कुदृष्टि वाले लोग; चाणक्य के अनुसार जो लोग हमेशा दुसरो के ऊपर कुद्रष्टि रखते हो, हमशा दुसरो के बारे में बुरा विचार करते हो, और जो विअवाहित और अविवाहित स्त्रियों को हमेशा बुरी नजर से देखता हो ऐसे व्यक्ति के साथ कभी मित्रता नहीं करनी चाहिए. क्यूं की ऐसे लोगो के साथ रहने पर उनके वह गुण अपने अन्दर भी आसकते है, और इसीके कारण आपके भी जीवन का विनाश हो सकता है. दुसरो की निंदा कर, दुसरो पर हमेशा बुरी नजर रखने पर मनुष्य स्वयम की सफलता के लिए किये जानेवाले कामो को दुर्लक्षित करता है,और अंततः वह कभी सुखी नहीं रह्पता और जीवन में असफल हो जाता है
३.      बुरे स्थान पर रहने वाले के साथ : चाणक्य के अनुसार ऐसे व्यक्ति के साथ कभी मित्रता ना करे जो बुरे स्थान पर रहता हो, जहा के लोग दुष्कर्म करते हो. जहा के लोगो का रहन सहन बहोत ही बुरे तरीके का हो, जिनके खान पान का ढंग एकदम तुच्छ प्रकार का हो. ऐसे लोगो से मित्रता करने पर हमें उनसे मिलने के लिए उस स्थान पर बार बार जाना पढता है, ऐसी जगह पर अगर आप बार बार जायेंगे तो आपको भी ऐसी बुरी आदते लग सकती हो. अतः बुरे स्थान पर रहने वाले व्यक्ति से कभी मित्रता ना करे.
तो ये थे वह तिन व्यक्ति जिनसे आपको क्सिसी भी किमत पर मित्रता नहीं करनी चाहिए, जिसके कारण आपकी सफलता के रस्ते के बिच में रुकवाटे पैदा हो जाये.

Thursday 9 February 2017