Friday 30 June 2017

प्राचीन भारत में ही बना था पहला विमान (Aeroplane), देखकर वैज्ञानिको के भी पसीने छुट गए


प्राचीन भारतीय संस्कृति कितनी विकसित थी, इसके बारे में अभी बताना बहोत मुश्किल है, लेकिन जैसे जैसे नयी नयी खोज हो रही है उससे तो यही सामने आरहा है की भारत में एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुवा था.
वैसे आधुनिक विज्ञानं की माने तो, उनके अनुसार विमान का निर्माण राईट बंधू नामक दो वैज्ञानिको ने किया था.
लेकिन अगर हम हिन्दू धर्म के प्राचीन ग्रंथो पर नजर डाले तो, उनमे अधिक उन्नत विमान प्रणाली का उल्लेख मिलता है.
आपने पुष्पक विमान के बारे में तो सुना ही होगा, कहा जाता है की ये विमान रावन के पास था. और रावण इसका इस्तेमाल युद्ध में करता था. उसके बाद विमानों का उल्लेख महर्षि भारद्वाज की वैमानिक शास्त्र किताब में मिलता है. कहा जाता ही की महर्षि भारद्वाज ने विमानों के प्रकार का और अन्य युद्ध में इस्तेमाल किये जाने वाले अस्त्रों का वर्णन अपनी किताब में किया है.
हाल ही में श्रीलंका में एक खोज हुयी है और श्रीलंका की रामायण अनुसंधान कमिटी ने रावण का विमानतल खोल निकला है, दिखने में ये एअरपोर्ट आध्नुकिन एअरपोर्ट की तरह ही सीखते है. रामायण अनुसंशान कमिटी के चीफ अशोक केंद के अनुसार श्रीलंका में स्थित उसानगौड़ा रावण का निजी हवाई अड्डा था. ऐसे अनेक हवाई अड्डे भी मिले है. इससे ये सावित होता है रामायण में वर्णित लंका श्री लंका ही है.
महर्षि भारद्वाज ने जिन विमानों का वर्णन किया है असल में वो विमान "पारे" की उर्जा पर चलने वाले थे. और आज NASA नामक अमेरिकी संस्था इसी पारे का इस्तेमाल कर नए विमान बना रही है.
अगर आपको इस विषय में अधिक जानकारी चाहिए तो निचे दिए गए विडियो को जरुर देखे आप गर्व महसूस करोगे

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Monday 26 June 2017

इन ३ से जो मित्रता करता है वह शीघ्र नष्ट हो जाता है. Chanakya Niti



आचार्य चाणक्य जी ने अपने नीतियों में ऐसे ३ लोगो के बारे में बताया है, जिनसे मित्रता करने पर आप का विनाश हो सकता है. ऐसे व्यक्तियों के साथ रहोगे तो जीवन में कभी सफल नहीं रह्पाओगे हमेशा और दुःख झेलने पड़ेंगे, इसकी वजह से आपकी चारो तरफ बदनामी भी हो सकती है. अतः ऐसे व्यक्तियों से कभी मित्रता नहीं करनी चाहिए, आईये जानते है कोंसे है वह चार लोग,
१.      दुराचारी : चाणक्य के अनुसार जो दुराचारी है, जो समाज में प्रतिष्ठा से नहीं रहता हमेश बुरे आचरण करता है. जो हमेशा दुष्कर्म में लगा रहता है, और दूसरी स्त्रियों से अनैतिक संबंध बनता है ऐसे व्यक्ति के साथ रहोगे तो आपको भी बदनामी का सामना करना पड़ेगा. अतः चाणक्य के अनुसार किसी भी दुराचारी से मित्रता नहीं करनी चाहिए, इससे आपको जीवन भर हानि ही सहनी पड़ेगी
२.      कुदृष्टि वाले लोग; चाणक्य के अनुसार जो लोग हमेशा दुसरो के ऊपर कुद्रष्टि रखते हो, हमशा दुसरो के बारे में बुरा विचार करते हो, और जो विअवाहित और अविवाहित स्त्रियों को हमेशा बुरी नजर से देखता हो ऐसे व्यक्ति के साथ कभी मित्रता नहीं करनी चाहिए. क्यूं की ऐसे लोगो के साथ रहने पर उनके वह गुण अपने अन्दर भी आसकते है, और इसीके कारण आपके भी जीवन का विनाश हो सकता है. दुसरो की निंदा कर, दुसरो पर हमेशा बुरी नजर रखने पर मनुष्य स्वयम की सफलता के लिए किये जानेवाले कामो को दुर्लक्षित करता है,और अंततः वह कभी सुखी नहीं रह्पता और जीवन में असफल हो जाता है
३.      बुरे स्थान पर रहने वाले के साथ : चाणक्य के अनुसार ऐसे व्यक्ति के साथ कभी मित्रता ना करे जो बुरे स्थान पर रहता हो, जहा के लोग दुष्कर्म करते हो. जहा के लोगो का रहन सहन बहोत ही बुरे तरीके का हो, जिनके खान पान का ढंग एकदम तुच्छ प्रकार का हो. ऐसे लोगो से मित्रता करने पर हमें उनसे मिलने के लिए उस स्थान पर बार बार जाना पढता है, ऐसी जगह पर अगर आप बार बार जायेंगे तो आपको भी ऐसी बुरी आदते लग सकती हो. अतः बुरे स्थान पर रहने वाले व्यक्ति से कभी मित्रता ना करे.
तो ये थे वह तिन व्यक्ति जिनसे आपको क्सिसी भी किमत पर मित्रता नहीं करनी चाहिए, जिसके कारण आपकी सफलता के रस्ते के बिच में रुकवाटे पैदा हो जाये.